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फ्रांसिस ने वास्तविकता से इंकार कर दिया - फादर इंजोली का मामला "कभी नहीं हुआ"?

26 सितंबर को तालिन्न से रोम तक उड़ान भरने के दौरान पोप फ्रांसिस ने शब्दों में हेरफेर करते हुए दावा किया कि उन्होंने कभी भी एक पादरी के यौन दुर्व्यवहार करने के बाद उसके लिए "दया के" अनुरोध पर हस्ताक्षर नहीं किये थे।

लेकिन बिगानो गवाह ने दिखाया है कि फ्रांसिस द्वारा दोबारा पद पर बिठाये जाने वाला सबसे प्रमुख दुर्व्यवहार करने वाला उदार कार्डिनल मैकक्रिक था।

एक अन्य उदाहरण फादर मौरो इंजोली का मामला था, जिसे 2012 में एक ईसाई धर्म संबंधी अदालत ने पुरुष किशोरों के साथ छेड़छाड़ करने का दोषी पाया और फिर पादरी के पद से निलंबित कर दिया गया।

समलैंगिक समर्थक कार्डिनल कोकोप्लोमेरियो की मध्यस्थता के बाद और कार्डिनल मुलर की सलाह के खिलाफ जाकर फ्रांसिस ने इन्जोली को दोबारा पद पर रखा जिससे वह 2014 में वापस पादरी बन गया।

लेकिन 2016 में एक सिविल अदालत ने 2004 से 2008 के दौरान 12 से 16 की उम्र के पांच लड़कों के साथ समलैंगिक दुर्व्यवहार के लिए इंजोली को दोषी ठहराया और उन्हें जेल भेज दिया।

कुलीन मीडिया के दबाव में इंजोली को मई 2017 में पद से हटा दिया गया था।

चित्र: © Mazur/catholicnews.org.uk, CC BY-NC-SA, #newsNthfvbmlfi