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कार्डिनल म्युलर, निजी निर्णय फैसला करेगा की विवाह वैध है या नहीं।

कार्डिनल गेरहार्ड म्युलर के अनुसार एक कैथोलिक यह निष्कर्ष निकाल सकता है कि चर्च के सामने जो शादी हुई थी, वह अमान्य थी, हालांकि उनके पास इसके लिए कोई प्रमाण नहीं है।

अल्ट्रालिबरल वेटिकन इनसाइडर (31 दिसंबर) से बात करते हुए म्युलर ने दावा किया कि अगर ऐसा कोई व्यक्ति दूसरे के संबंध संपर्क में आता है, तो दूसरा संबंध परमेश्वर के सामने सही होगा।

दावा है कि एक धर्मनिरपेक्ष न्यायाधीश विवाह की वैधता को तय कर सकता है इसकी काउंसिल ऑफ़ ट्रेंट (1545-1562) द्वारा स्पष्ट रूप से निंदा की गई थी। हर दूसरे संपर्क को ख़त्म किये बिना एक नश्वर पाप है। म्युलर इसलिए अनुशंसा करते है कि ख़त्म करने की प्रक्रिया या कैथोलिक विवाह का केनोनिकल रूप अप्रासंगिक है।

चित्र: Gerhard Ludiwg Müller, © michael_swan, CC BY-ND, #newsJzviqepjez