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novaetvetera

आदि में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था।
यही आदि में परमेश्वर के साथ था।
सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उस में से कोई भी वस्तु उसके बिना उत्पन्न न हुई।
उस में जीवन था; और वह जीवन मुनष्यों की ज्योति थी।
और ज्योति अन्धकार में चमकती है; और अन्धकार ने उसे ग्रहण न किया।
एक मनुष्य परमेश्वर की ओर से आ उपस्थित हुआ जिस का नाम यूहन्ना था।
यह गवाही देने आया, कि ज्योति की गवाही दे, ताकि सब उसके द्वारा विश्वास लाएं।
वह आप तो वह ज्योति न था, परन्तु उस ज्योति की गवाही देने के लिये आया था।
सच्ची ज्योति जो हर एक मनुष्य को प्रकाशित करती है, जगत में आनेवाली थी।
वह जगत में था, और जगत उसके द्वारा उत्पन्न हुआ, और जगत ने उसे नहीं पहिचाना।
वह अपने घर आया और उसके अपनों ने उसे ग्रहण नहीं किया।
परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उस ने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं।
वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं।
और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उस की ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा।
यूहन्ना 1, 1-14
In principio erat verbum - Josquin Desprez

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